Jain Muni Bhupendra Kumar दुश्मन नहीं, दोस्त बनाएं
इस आलेख के लेखक Jain Muni Bhupendra Kumar ji जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के 11 वें गुरु आचार्य महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य है। Jain Muni Bhupendra Kumar ji तपस्वी और स्पष्ट वादी संतों में गिने जाते हैं। उनकी लेखनी से अनेक पुस्तकें पाठकों तक पहुंची है। TATHASTU TV की इस website पर jain muni ji का। Article पाठकों को उत्साहित करेगा । उनके लिए यह आलेख Motivational साबित होगा और पॉजिटिव एनर्जी निर्मित करने में योगभूत बनेगा , इसी विश्वास के साथ प्रस्तुत है –
दोस्ती का महत्व – Muni Bhupendra Kumar
जीवन के अंदर हर व्यक्ति को अपना दोस्त बना कर ही आगे बढ़ना चाहिए और जो व्यक्ति दोस्ती के साथ आगे बढ़ता है वही व्यक्ति अपने जीवन के अंदर कुछ नए चमत्कारिक कार्य है संपादित करने के अंदर सफलता प्राप्त कर सकता है। इसलिए अपने जीवन के अंदर सच्चे दोस्तों को अवश्य ही जोड़ते रहे और किसी भी विरोधी को खड़ा करने का प्रयास ना करें ।विरोधी लोग हैं वह हमेशा हमारे जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले होते हैं। छोटा सा भी हमारी गति के अंदर अवरोध पैदा कर देता है तो छोटा सा विरोधी व्यक्ति अपने जीवन के अंदर आग भी लगाने में सफलता प्राप्त कर लेता है। इसलिए हम अपने जीवन के अंदर विरोधी कभी किसी को नहीं बनाए।

सबको अपना दोस्त बना कर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे तो हमारे जीवन के अंदर नई नई सफलता अपने आप ही हमें प्राप्त होती चली जाएगी। वहीं सफलताएं हमारे जीवन के इतिहास और हमारे को गतिशील बनाना प्रारंभ कर देगी। आपके जीवन में कुछ दोस्त ऐसे होने चाहिए जिसके साथ कोई स्वार्थ का रिश्ता नहीं हो। ऐसे दोस्त आपको मुश्किल वक्त में बहुत संभल प्रदान करने वाले होते हैं। आपको यह डर नहीं रहता है कि मेरे बारे में यह क्या सोचेंगे। अपने आसपास देखें ऐसे दोस्त जरूर मिल जाएंगे। ध्यान रखें, इस दोस्ती की कोई शर्त नहीं होनी चाहिए।
जो व्यक्ति अपने जीवन के अंदर सरलता के साथ आगे बढ़ता है। कोई प्रकार का किसी को दुश्मन नहीं बनाता है। दुश्मनों को भी दोस्त बना कर चलता है, वही सच्चा कार्यकर्ता कहलाने का अधिकारी बन सकता है।
article-by jain muni bhupendra kumar 
