Sakshi Sharma की कविता : मैं एक भारतीय सैनिक हूँ
जहाँ ना पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि इस कहावत को हम कवि हृदया साक्षी शर्मा [ Sakshi Sharma ] में साक्षात् देख सकते हैं. राजस्थान के कनेछन कला, तहसील -फुलिया कला निवासी गोविन्दराम शर्मा की सुपुत्री साक्षी शर्मा गंभीरता, सोंदर्य, और शौर्य को स्वयं में समेटे प्रकृति एवं देशभक्ति को अपनी कविताओं का विषय बनाती है.
साक्षी शाहपुरा प्रताप सिंह बाहरठ कॉलेज की सर्वश्रेष्ठ छात्रा /स्टूडेंट ऑफ द ईयर रह चुकी है. वह सामाजिक गतिविधियों में भाग लेती रहती है और एंकरिंग करती है. कोरोना महामारी के दौरान Sakshi Sharma ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अनेकों बार काव्यपाठ कर चुकी है. इस युवा कवित्री की कविताओं से तथास्तु टी वी रूबरू करवा रही है. पाठक इस कविता को पसंद करेंगे और प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लेंगे, ऐसा विश्वास है.

पढ़िए Sakshi Sharma की कविता
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ,
हा, मैं एक भारतीय सैनिक हूँ,
भारत के दुश्मन को,मैं,
हर बार मार गिराऊंगा|
भारत के लिए ही जीता हूँ,
भारत को ही जिताऊंगा।।
मैं एक भारतीय सैनिकहूँ…..
सैनिकों ने दी है हमेशा
दुश्मनों को, चुनौती तगड़ी|
शौर्य ,वीरता, देशप्रेम,ये,
इनसे ही बनी हमारी पगड़ी,
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ….
आतंकवाद का लिया है
अगर किसी ने सहारा ,
भारत से हर बार पिटा
वो दुश्मन देश बेचारा…..
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ…..
भारत के दुश्मन! सीने में,
तेरे , नफरत बसती है ,
मेरे सीने में बसती,भारत मां
यही मेरी अटूट शक्ति है
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ…..
बहुत हो गया, बंद करो,
हर हमले पे फैसला होगा
हम होंगें ,भारत होगा,पर
दुश्मन तेरा नाम ना होगा
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ….
चाहे, युद्ध की पहल तुम्हारी
चाहे, युद्ध की पहल तुम्हारी
पर याद रखना, मैं सैनिक,
मेरी सेना,तुमपे पड़ेगी भारी
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ..
ना जाने दूंगा एक इंच भी,
सभी देश ये सुन लें|
ये सैनिक का वादा/दावा भी,
पाक, चीन, समझ लें!
मैं एक भारतीय सैनिक हूँ….
हा, मैं एक भारतीय सैनिक हूँ ||