Wednesday, April 23, 2025
शिक्षा - समन्वय

उत्तर प्रदेश में पोस्टर वुमेन स्नेहिल पाण्डेय की गजब कहानी

आज आपको उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे उन्नाव की स्टोरी बताते हैं. यहाँ का एक सरकारी स्कूल जहाँ एडमिशन के लिए सफिरिश की जरुरत पड़ती है. आप यह सुनकर हेरान हो रहे होंगे. आपने अभी तक सुना था कि सरकारी स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे ही पढ़ते हैं. यह सही भी है. राजनितिक और प्रशानिक महानुभावो के बच्चे इन विद्यालयों में पढ़ने लग जाये तो स्कूल की दुर्दशा ही न रहे. पर यह देश का दुर्भाग्य है कि सरकार के लोग ही सरकारी विद्यालयों पर ध्यान नही देते. तो हम बात कर रहे थे उन्नाव के सरकारी स्कूल की. इस स्कूल में ऐसा क्या है जो सब पढना चाहते है और एडमिशन भी कठिनाई से होता है. इसके पीछे हाथ है पोस्टर वोमेन स्नेहिल पाण्डेय का.

स्नेहिल पाण्डेय उन्नाव के सोहरामउ स्थित इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय की मुख्य शिक्षिका है. जिसने स्कूल का कायाकल्प कर दिया है. इस शिक्षिका ने ग्रामीण इलाको में रहने वाले बच्चों को तकनिकी रूप से दक्ष बना रही है. यह सुन कर आप सोच रहे होंगे की इसमें क्या बड़ी बात है. सही सोच रहे हैं! परन्तु इस शिक्षिका की बड़ी बात इसलिए है कि यह अपनी सेलरी को लगा कर कर रही है. ना सरकार का सहयोग ना ही दानदाताओं का. अपने वेतन से विद्यालय को सजाने-संवारने के साथ पोधारोपण कर हराभरा बना दिया है. स्नेहिल ने चारदीवारी ऊँची कराई. रंग रोगन के साथ 300 के लगभग पोधे लगाये हैं.

उत्तर प्रदेश की स्कूल

शिक्षिका के द्वारा बालकों को स्मार्ट फोन के माध्यम से पढाया जाता है. कोरोना कल में भी पढाई से वंचित नही रहने दिया. विभिन्न प्लट फार्मों का इस्तेमाल कर खुद बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान देती थी. इस काम के लिए वो अपनी माँ सुधा शुक्ल को प्रेरणा स्रोत मानती है.

उत्तर प्रदेश के मिशन शक्ति की है पोस्टर वोमेन

उत्तर प्रदेश का कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश सरकार की योजना मिशन शक्ति की स्नेहिल पोस्टर वोमेन है. 75 जिलो में लगे बैनर और पोस्टर में उनकी तस्वीर लगाई गई है. पीताम्बर नगर उन्नाव के अनूप कुमार पाण्डेय की सुपुत्री स्नेहिल ने स्कूल को कान्वेंट स्कूल की तर्ज विकसित किया है. इस विद्यालय के छात्र फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. बच्चे प्रदेश स्तर की खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओ में हर साल पुरस्कार लेकर आते हैं. स्कूल की वेबसाइट भी बनाई है. जोयफुल लर्निंग के नएआइडिया पर काम कर रही है. स्नेहिल पाण्डेय आज लड़कियों के लिया रोल मॉडल बन गई है.

इन पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है स्नेहिल

उत्तर प्रदेश की शिक्षिका

  • 2015 और 2019 में उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान मिला. इस सम्मान के साथ जो राशि मिली उसमे से एक लाख बीस हजार रूपये उन्होंने विद्यालय के उच्चीकरण और शैक्षिक उपकरण खरीदने में लगाए.
  • 2019 में राज्यस्तरीय काव्य गायन पुरस्कार
  • आईसीटी के लिए भी राष्ट्रिय शिक्षक पुरस्कार
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के क्रियांवयन के लिए गठित स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया है.
  • 2020 में राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुई है.
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